वैसे तो अलग अलग शोध में ये संख्या अलग हो सकती है परंतु अमेरिका के शोध के अनुसार 43% महिलाओं में कोई न कोई सेक्स समस्या होती है जब की दक्षिण भारत के एक सर्वे के अनुसार केवल 14% महिलाओं में कोई समस्या होती है । ये जानकारी काफ़ी चौंकाने वाली ज़रूर है । इस बड़े फ़र्क़ के अनेक कारण हो सकते है ।
ये समस्या कई प्रकार की हो सकती है –
1- कामेच्छा/ कामोत्तेजना की कमी – क़रीब एक तिहाई महिलायें कामोत्तेजना की कमी या कामोत्तेजना की कमी की समस्या से पीड़ित है । इसमें महिला अपने साथी से सेक्स करने के लिए पहल नहीं करती / अपने साथी द्वारा पहल को नकार देती है या सेक्स संबंधित विचार उसके दिमाग़ में नहीं आते । उम्र बढ़ने के साथ ये समस्या ज़्यादा महिलाओं में देखी जाती है । रजोनिवृत्ति के बाद या प्रसव के बाद बच्चे को स्तनपान के कारण अनेक महिलाओं में यौन उत्तेजना की कमी और योनि में सूखापन होने लगता है । इसी प्रकार कामोत्तेजना की समस्या का अर्थ है कि सेक्स के समय उनकी योनि में अपेक्षित गीलापन नहीं आता जिस से सेक्स करने में कठिनाई होती है । इसके अनेक कारण हो सकते है अत्यधिक थकान, डिप्रेशन , एंजाइटी, नवजात शिशु के कारण नींद पूरी न हो पाना, गर्भ धारण के बाद अपने शरीर को कम आकर्षक मान लेना, शुगर या बीपी की समस्या , मोटापा या सेक्स के समय दर्द होने का डर आदि कुछ कारण है । कई बार टेस्टोस्टेरोन की कमी या प्रोलेक्टिन की अधिकता से भी ऐसा हो सकता है ।
2- ऑर्गैज़म या चरमोत्कर्ष की समस्या – हमारे देश में सेक्स एजुकेशन की अत्यधिक कमी है और अनेकों अनेक महिलाओं को सेक्स से पहले इसकी कोई जानकारी नहीं होती । हस्तमैथुन के बारे में अनेक ग़लत जानकारिया प्रचलित है । हस्तमैथुन को ग़लत और भविष्य की अनेक बीमारियों का कारण बताया जाता है । जब इसके बारे में कोई चर्चा ही नहीं होती तो अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि भारत में चरमोत्कर्ष के बारे में कितनी महिलाओं को जानकारी होती होगी । एक जानकारी के अनुसार केवल 20-25% महिलायें ही हस्तमैथुन करती है इसलिए बाक़ी को चरमोत्कर्ष का कोई अनुभव नहीं होता । इसके अतिरिक्त यदि पुरुष साथी को सेक्स समस्या है , महिला को डिप्रेशन या एंजाइटी है , कोई यौनहिंसा की शिकार हुई थी या साथी से सामंजस्य नहीं है तो भी ये समस्या हो सकती है । इसका उपचार हो सकता है । पहले इसका कारक समझना पड़ता है ।
3- सेक्सुअल पीड़ा या Sexual Pain Disorders- इस स्थिति में सेक्स की प्रक्रिया आनंददायक न हो कर पीड़ा दायक होती है । इसमें यदि महिला को पेनोंवैजिनल सेक्स के समय लिंग के पूरे प्रवेश के साथ हुए सेक्स के समय पीड़ा होती है तो इसे Dyspareunia कहते है और यदि लिंग प्रवेश के समय पीड़ा के साथ भय और योनि का संकुचन हो तो इसे Vaginismus कहते है । कई महिलाओं को केवल हल्के स्पर्श से ही योनि के आसपास के एरिया में दर्द की अनुभूति होती है – इसे Vulvodynia कहते है । इनके अनेक कारण हो सकते है – जैसे योनि या अंदर के एरिया में इन्फेक्शन और सूजन , रसौली या अनेक मनोवैज्ञानिक कारण होते है ।
इनका उपचार भी कारक जानकार ही होता है । महिला को सेक्स एजुकेशन दी जाती है और उसे यौन अंगों के बारे में बताया जाता है ।